तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने रविवार को लद्दाख में नए चोकांग विहार मठ के पुनर्निर्माण का शिलान्यास किया। यह ऐतिहासिक मठ मूल रूप से वर्ष 1957 में बनाया गया था, लेकिन हाल के वर्षों में आई बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं के कारण इसमें दरारें और गंभीर क्षति आ गई थी।
स्थानीय बौद्ध समुदाय की मांग के बाद इस मठ के पुनर्निर्माण का निर्णय लिया गया है। नए चोकांग विहार मठ का निर्माण पारंपरिक बौद्ध वास्तुकला और आधुनिक सुविधाओं के संयोजन के साथ किया जाएगा, ताकि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र बना रहे।
शिलान्यास समारोह में दलाई लामा ने कहा कि चोकांग विहार मठ केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि लद्दाख की समृद्ध बौद्ध विरासत का प्रतीक है। उन्होंने लोगों से शांति, करुणा और आपसी सद्भाव बनाए रखने की अपील की।
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इस अवसर पर स्थानीय प्रशासन और बौद्ध भिक्षुओं ने भी पुनर्निर्माण कार्य के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि नया मठ न केवल धार्मिक गतिविधियों का केंद्र होगा, बल्कि यह शिक्षा, ध्यान और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी प्रमुख स्थान बनेगा।
मठ के पुनर्निर्माण से स्थानीय लोगों में उत्साह है और इसे लद्दाख में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की संभावना है। परियोजना को आने वाले कुछ वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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