दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की साजिश मामले में कानून मंत्री कपिल मिश्रा की भूमिका की दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें पुलिस को मिश्रा और अन्य के खिलाफ आगे की जांच के निर्देश दिए गए थे।
विशेष न्यायाधीश दिग विनय सिंह ने कहा कि 23 फरवरी 2020 की घटना से संबंधित मजिस्ट्रेट कोर्ट का आदेश रद्द किया जाता है और निचली अदालत को निर्देश दिया गया है कि वह शिकायत पर विधि अनुसार सुनवाई करे। कोर्ट ने कहा कि विस्तृत आदेश जल्द जारी किया जाएगा।
इससे पहले अप्रैल 2025 में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को मिश्रा की भूमिका की जांच आगे बढ़ाने के आदेश दिए थे, जिसे मिश्रा ने चुनौती दी थी। पुलिस ने भी इस आदेश के खिलाफ सत्र अदालत में अपील दायर की थी।
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दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा कि उसने पहले ही कपिल मिश्रा की भूमिका की जांच की थी और कोई भी आपत्तिजनक सबूत नहीं मिला। पुलिस ने बताया कि 751 एफआईआर में कहीं भी मिश्रा का नाम नहीं आया है।
मिश्रा की ओर से कहा गया कि उन्हें फंसाने की साजिश रची गई थी और #ArrestKapilMishra जैसे सोशल मीडिया अभियानों से यह नैरेटिव बनाया गया।
यह मामला मोहम्मद इलियास की शिकायत पर शुरू हुआ था, जिसमें कपिल मिश्रा की कथित भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। इस शिकायत में अधिवक्ता महमूद प्राचा ने इलियास का प्रतिनिधित्व किया।
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