दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले में यह कहते हुए राहत देने से इनकार कर दिया कि वह अमेरिका में हुए चिकित्सा खर्च की प्रतिपूर्ति का आदेश नहीं दे सकती। यह याचिका पूर्व बीएसएफ महानिदेशक (DG) और पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त अधिकारी प्रकाश सिंह ने दायर की थी।
अदालत ने हालांकि यह स्वीकार किया कि राज्य का “संवैधानिक दायित्व” है कि वह अपने सेवाकालीन और सेवानिवृत्त अधिकारियों के चिकित्सा खर्चों का वहन करे। न्यायमूर्ति सुबहा भाटिया की एकल पीठ ने कहा कि संविधान यह सुनिश्चित करता है कि सरकार अपने कर्मचारियों को चिकित्सा सहायता प्रदान करे, लेकिन विदेश में इलाज पर किए गए खर्च की प्रतिपूर्ति सरकारी नीति के अंतर्गत नहीं आती।
प्रकाश सिंह, जिन्होंने 1994 में बीएसएफ के महानिदेशक के रूप में सेवानिवृत्ति ली थी, वर्ष 2011 में अपने बेटे से मिलने अमेरिका गए हुए थे, जब उन्हें अचानक बोली लड़खड़ाने, मानसिक भ्रम और तेज बुखार के लक्षणों के कारण अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। उन्होंने इलाज पर हुए खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए सरकार से अनुरोध किया था, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह विदेशी इलाज से जुड़ा मामला है।
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हाईकोर्ट ने कहा कि यह संवेदनशील मामला जरूर है, लेकिन विदेशी उपचार से संबंधित खर्चों की भरपाई के लिए स्पष्ट सरकारी दिशा-निर्देशों की आवश्यकता है। अदालत ने इस मामले को एक उदाहरण बताया कि कैसे सेवा नियमों में अधिक पारदर्शिता और मानवीय दृष्टिकोण जरूरी है।
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