विपक्षी दलों के सवालों और आलोचनाओं का सामना करते हुए, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने कहा कि उसने देश की निर्वाचन प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए कुल 28 महत्वपूर्ण पहलों को लागू किया है। आयोग का यह बयान संसद और अन्य मंचों पर उठाए गए सवालों के बीच आया है, जिसमें विपक्ष ने निर्वाचन प्रक्रियाओं और वोटर सूची में खामियों को लेकर चिंता जताई थी।
चुनाव आयोग ने विशेष रूप से यह उल्लेख किया कि मौतों के पंजीकरण (death-registration) डेटा को निर्वाचन प्रणाली से जोड़ने का कदम उठाया गया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव क्षेत्र की मशीनरी को समय पर जानकारी मिले कि कौन-कौन से मतदाता अब जीवित नहीं हैं। इससे मतदाता सूची में अनावश्यक प्रविष्टियों को हटाने में मदद मिलेगी और चुनाव प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और सटीक होगी।
ECI ने कहा कि यह पहल मतदाता सूची की गुणवत्ता सुधारने और चुनावों में संभावित गलतियों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आयोग ने आगे बताया कि 28 पहलों में प्रशिक्षण, तकनीकी उन्नति, मतदान केंद्रों की निगरानी, और मतदाता जागरूकता अभियान भी शामिल हैं।
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विशेषज्ञों के अनुसार, ये कदम भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने और मतदान प्रक्रिया को भरोसेमंद बनाने में सहायक होंगे। आयोग का मानना है कि समय पर डेटा और तकनीकी सुधार से निर्वाचन प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी।
चुनाव आयोग की यह घोषणा विपक्ष की आलोचनाओं के बीच एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखी जा रही है कि आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से चुनाव कराने के लिए लगातार प्रयासरत है।
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