तमिलनाडु राज्य सरकार द्वारा अपने गवर्नर के खिलाफ दाखिल किए गए मामले के मात्र एक महीने बाद राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट में संदर्भ (Presidential Reference) जारी किया। यह कदम संवैधानिक रूप से दुर्लभ माना जाता है और इसके तहत राष्ट्रपति सरकार से न्यायिक राय लेने का प्रावधान होता है।
इस संदर्भ का उद्देश्य केवल संविधान और कानून के प्रावधानों के आधार पर राय देना है, न कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले ही दिए गए फैसले को पलटना। तमिलनाडु गवर्नर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और गवर्नर के अधिकारों और कर्तव्यों का मार्गदर्शन करते हुए निर्णय सुनाया था। राष्ट्रपति संदर्भ, इस निर्णय की व्याख्या या विस्तार करने का माध्यम है, ताकि भविष्य में समान विवादों से बचा जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रपति संदर्भ संवैधानिक विवादों को हल करने और न्यायपालिका तथा कार्यपालिका के बीच संतुलन बनाए रखने का एक साधन है। यह प्रक्रिया राज्य और केंद्र सरकार दोनों के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान करती है।
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सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि संदर्भ का उद्देश्य केवल राय प्रदान करना है। अदालत किसी भी तरह से पहले के निर्णय को प्रभावित नहीं करेगी। तमिलनाडु और अन्य पक्षों को सुनवाई के दौरान अपने तर्क पेश करने का पर्याप्त अवसर मिलेगा।
इस संदर्भ की सुनवाई संवैधानिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रक्षा के लिए अहम मानी जा रही है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि भविष्य में राज्यों और गवर्नरों के बीच होने वाले विवादों का समाधान न्यायसंगत और संवैधानिक ढंग से किया जा सके।
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