भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने तमिलनाडु और पुडुचेरी में पंजीकृत 23 मान्यता-रहित राजनीतिक दलों (RUPPs) को अपनी सूची से हटा दिया है। इन दलों पर आरोप था कि वे लंबे समय से किसी भी चुनाव में भाग नहीं ले रहे थे।
जून 2025 में, चुनाव आयोग ने तमिलनाडु के 24 पंजीकृत मान्यता-रहित राजनीतिक दलों को नोटिस जारी किया था। नोटिस में पूछा गया था कि उन्हें सूची से क्यों न हटाया जाए, क्योंकि उन्होंने पिछले कई वर्षों से किसी भी चुनाव में भाग नहीं लिया और न ही चुनावी गतिविधियां संचालित कीं।
नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया था कि चुनाव में लगातार भाग न लेना और संगठनात्मक गतिविधियां न दिखाना, पंजीकरण बनाए रखने के नियमों का उल्लंघन है।
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इस कार्रवाई के तहत अब 23 दलों को डीलिस्ट कर दिया गया है, जबकि एक दल के मामले की अभी भी जांच जारी है। चुनाव आयोग का मानना है कि इस तरह के निष्क्रिय दल सूची में बने रहने से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता प्रभावित होती है।
आयोग ने बताया कि यह कदम मतदाताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि केवल सक्रिय और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने वाले राजनीतिक दल ही पंजीकृत रहें। इससे चुनावी प्रणाली अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनेगी।
चुनाव आयोग ने यह भी दोहराया कि किसी भी राजनीतिक दल के लिए पंजीकरण बनाए रखने हेतु चुनावों में नियमित भागीदारी और संगठनात्मक सक्रियता आवश्यक है। साथ ही, उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अन्य निष्क्रिय दलों पर भी इसी तरह की कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं।
यह कदम चुनावी सुधार और राजनीतिक दलों की जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
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