प्रवर्तन निदेशालय (ED) जल्द ही गुरुग्राम स्थित एक रियल एस्टेट कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ बहु-करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपपत्र दाखिल करने वाली है। यह मामला प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) से जुड़े कथित अनियमितताओं और हजारों homebuyers के साथ धोखाधड़ी से संबंध रखता है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, Ocean Seven Buildtech Pvt. Ltd. (OSBPL) के प्रबंध निदेशक और कंपनी के “मुख्य व्यक्ति” स्वराज सिंह यादव को 13 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था और वे वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।
ED ने आरोप लगाया है कि यादव ने PMAY के तहत घर खरीदारों से जुटाए गए ₹222 करोड़ को फर्जी तरीके से मोड़ा, कई यूनिट्स की बुकिंग रद्द कर उन्हें अधिक कीमतों पर दोबारा बेच दिया, भारी कैश प्रीमियम वसूला और एस्क्रो अकाउंट से निकाली गई राशि को शेल कंपनियों में स्थानांतरित किया।
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एजेंसी अब कंपनी और उसके प्रमोटरों की संपत्तियों का मूल्यांकन कर रही है ताकि उन्हें PMLA के तहत अटैच कर पीड़ितों को वापस लौटाया जा सके। आरोपपत्र भी जल्द दायर होने की संभावना है।
ED का कहना है कि यादव ने हाल के महीनों में गुरुग्राम, महाराष्ट्र और राजस्थान में अपनी और कंपनी की संपत्तियों का तेजी से लिक्विडेशन किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि वे अवैध आय को छिपाने और कानूनी कार्रवाई से बचने की कोशिश कर रहे थे।
एजेंसी ने यह भी दावा किया कि यादव की पत्नी सुनीता अगस्त 2025 में अमेरिका चली गईं और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में रह रही थीं, जबकि बच्चे कनेक्टिकट के ट्रिनिटी कॉलेज में पढ़ रहे थे।
ED के अनुसार, PMAY फ्लैट जिसकी कीमत ₹26.5 लाख थी, उसे “भुगतान न होने” के बहाने रद्द कर ₹40–50 लाख में दोबारा बेचा गया, और पहले खरीदार की राशि भी वापस नहीं की गई। पार्किंग बिक्री में भी कैश आधारित सिस्टम चलाया गया।
इसके अलावा, बड़ी मात्रा में धनराशि हवाला के माध्यम से विदेश भेजे जाने के भी सबूत मिले हैं।
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