शिक्षा मंत्रालय ने भारत में उच्च शिक्षा को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने के लिए चार विदेशी विश्वविद्यालयों को देश में अपने कैंपस स्थापित करने की अनुमति प्रदान की है। मंत्रालय ने इन संस्थानों को आधिकारिक रूप से ‘लेटर ऑफ इंटेंट’ (LOI) जारी किया है।
इन विश्वविद्यालयों में ऑस्ट्रेलिया के वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी (WSU), विक्टोरिया यूनिवर्सिटी, ला ट्रोब यूनिवर्सिटी और यूनाइटेड किंगडम की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल शामिल हैं। ये विश्वविद्यालय भारत में स्नातक (अंडरग्रेजुएट) और स्नातकोत्तर (पोस्टग्रेजुएट) दोनों स्तर की डिग्री पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएंगे।
मंत्रालय का कहना है कि यह कदम भारतीय छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा अपने ही देश में प्राप्त करने का अवसर देगा। साथ ही, इससे विदेशी छात्रों को भी भारत में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आकर्षित किया जा सकेगा।
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सरकार ने यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अंतर्गत लिया है, जिसका उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों पर लाना और रिसर्च एवं इनोवेशन को बढ़ावा देना है। मंत्रालय का मानना है कि विदेशी विश्वविद्यालयों के आगमन से भारतीय छात्रों को विदेश गए बिना ही अंतरराष्ट्रीय शिक्षा, आधुनिक रिसर्च सुविधाएं और विश्वस्तरीय फैकल्टी का लाभ मिलेगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, इन कैंपसों की स्थापना से भारत में शैक्षणिक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और देश की शिक्षा प्रणाली को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी। आने वाले वर्षों में अन्य शीर्ष विदेशी विश्वविद्यालयों को भी इसी प्रकार की अनुमति दिए जाने की संभावना है।
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