जेफ्री एप्स्टीन से जुड़े नए जारी किए गए दस्तावेजों ने उसकी पूर्व प्रेमिका घिस्लेन मैक्सवेल की भूमिका पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इन दस्तावेजों में बताया गया है कि मैक्सवेल ने किस तरह मनोवैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल कर कमजोर और नाबालिग लड़कियों को एप्स्टीन के दुष्कर्मों के दायरे में लाया।
मैनहैटन की संघीय अदालत में पेश ग्रैंड जूरी से जुड़े इन दस्तावेजों में एक कानून प्रवर्तन अधिकारी ने वर्ष 2020 में दिए गए बयान का जिक्र किया है। इसमें एक महिला ने बताया कि जब वह नाबालिग थी, तब एप्स्टीन के घर उसकी शुरुआती मुलाकातें “अजीब” थीं, क्योंकि उन मौकों पर उसके साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ था। अधिकारी के अनुसार, मैक्सवेल ने इस माहौल को सामान्य दिखाने की कोशिश की और खुद को एक “कूल बड़ी बहन” की तरह पेश किया।
पीड़िता ने कहा कि मैक्सवेल यह जताती थी कि ऐसा व्यवहार “बड़ों की दुनिया” का हिस्सा है। उसने यह भी बताया कि उसने एक बार एप्स्टीन के स्विमिंग पूल के पास मैक्सवेल को निर्वस्त्र देखा, लेकिन मैक्सवेल ने इसे पूरी तरह सामान्य व्यवहार की तरह पेश किया।
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दस्तावेजों के अनुसार, जब यौन शोषण शुरू हुआ, तब कई बार अन्य महिलाएं भी वहां मौजूद रहती थीं, जिनमें मैक्सवेल शामिल थी। वह न केवल माहौल को हल्का बनाए रखती थी, बल्कि लड़कियों को निर्देश भी देती थी कि उन्हें क्या करना है। पीड़िता ने बताया कि वह खुद को कमरे में “अदृश्य” रखने की कोशिश करती थी ताकि उस पर ध्यान न दिया जाए।
एक अन्य पीड़िता के मामले में भी इसी तरह की गवाही सामने आई, जिसमें बताया गया कि मैक्सवेल ने मजाक और सामान्य बातचीत के जरिए असहज परिस्थितियों को सामान्य बना दिया। कुछ मामलों में पीड़िताओं को यह महसूस कराया गया कि एप्स्टीन और मैक्सवेल उनसे “प्यार” करते हैं और वे उनका परिवार हैं।
इन खुलासों पर मैक्सवेल के भाई इयान मैक्सवेल ने कहा कि ग्रैंड जूरी के दस्तावेज किसी की दोषसिद्धि का प्रमाण नहीं होते और ये एकतरफा कार्यवाही का हिस्सा होते हैं। उन्होंने कहा कि इनसे पूरे संदर्भ और बचाव पक्ष का पक्ष सामने नहीं आता।
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