एल्गार परिषद मामला: सुरेंद्र गाडलिंग की जमानत याचिका पर सुनवाई 17 सितंबर तक टली
सुप्रीम कोर्ट ने एल्गार परिषद मामले के आरोपी अधिवक्ता सुरेंद्र गाडलिंग की जमानत याचिका पर सुनवाई 17 सितंबर तक स्थगित कर दी है। न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने यह आदेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू द्वारा अतिरिक्त समय मांगने के बाद दिया।
गाडलिंग ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। उनका कहना है कि वे लंबे समय से हिरासत में हैं और मुकदमे की सुनवाई में देरी हो रही है। उन्होंने यह भी दलील दी है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का कोई ठोस सबूत नहीं है।
और पढ़ें: राष्ट्रपति संदर्भ पर सुनवाई: राष्ट्रपति और राज्यपालों के विवेकाधिकार का तर्क मूल रूप से गलत – कर्नाटक का सुप्रीम कोर्ट में बयान
सरकार की ओर से एएसजी एस.वी. राजू ने कोर्ट से कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें तैयारी के लिए समय दिया जाए। इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई को 17 सितंबर तक के लिए टाल दिया।
एल्गार परिषद मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे में आयोजित एक सम्मेलन से जुड़ा है, जिसके बाद भीमा-कोरेगांव हिंसा भड़की थी। इस मामले में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं, अधिवक्ताओं और बुद्धिजीवियों को गिरफ्तार किया गया था।
सुरेंद्र गाडलिंग का कहना है कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया है। वहीं, एनआईए और केंद्र सरकार का कहना है कि इस सम्मेलन का नक्सलियों से संबंध था और यह राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने की साजिश थी।
और पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट से जमानत के बाद 17 साल बाद नागपुर जेल से बाहर आए अरुण गवली