हाल ही में कौन बनेगा करोड़पति (KBC) के एक क्लास 5 के प्रतियोगी के ‘अतिआत्मविश्वासी’ अंदाज को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कई लोग बच्चे के व्यवहार को लेकर टिप्पणियाँ करने लगे और उसे ट्रोल करने लगे। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि 10 साल के बच्चे को सार्वजनिक रूप से अपमानित करना न केवल अनुचित है, बल्कि इससे बच्चे के मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
बाल मनोवैज्ञानिक और शिक्षा विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि इस उम्र में बच्चे आत्मविश्वास के साथ नई चीजें सीखने की कोशिश कर रहे होते हैं। किसी बच्चे को गलत ठहराना या आलोचना करना, उनके सीखने और आत्मविश्वास के लिए हानिकारक हो सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों की असफलताओं या गलती भरे प्रयासों को सार्वजनिक रूप से मजाक या आलोचना का विषय बनाना ठीक नहीं है।
विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर इस तरह की बहस “पालन-पोषण की विफलता” जैसी टिप्पणियों को जन्म देती है, जो वास्तविकता से कोसों दूर होती हैं। हर बच्चा अपनी गति और शैली में सीखता है, और एक प्रतियोगिता में किसी बच्चे का आत्मविश्वास असामान्य नहीं है।
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विवेचकों का कहना है कि माता-पिता और दर्शक बच्चों के प्रदर्शन का आनंद लें, उनकी क्षमता को पहचानें और सकारात्मक प्रोत्साहन दें। सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग से बच्चों में चिंता, शर्मिंदगी और आत्मसम्मान की कमी जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
विशेषज्ञों का संदेश स्पष्ट है: बच्चों को सार्वजनिक रूप से ट्रोल करना या उनकी कमजोरियों पर मजाक उड़ाना कभी भी संवेदनशील या सही नहीं माना जा सकता।
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