महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भूमिका पर की गई टिप्पणी ने तृणमूल कांग्रेस को नाराज़ कर दिया है। मराठी मंच द्वारा आयोजित ‘अनस्टॉपेबल महाराष्ट्र’ कॉन्क्लेव में फडणवीस ने कहा कि वे ममता बनर्जी का सम्मान करते हैं, लेकिन “वोट बैंक की राजनीति के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालना सही नहीं है।”
फडणवीस ने ममता बनर्जी के इस आरोप को भी खारिज किया कि बीजेपी शासित राज्यों में बंगाली भाषियों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश से आने वाले लोग भी बंगाली ही बोलेंगे। लेकिन भारतीय बंगाली और बांग्लादेशी बंगाली के भाषा-भेद स्पष्ट होते हैं।”
उन्होंने दावा किया कि 90% संदिग्ध घुसपैठिए अपनी पहचान खुद स्वीकार करते हैं और बताते हैं कि वे किस मार्ग से भारत आए। फडणवीस ने कहा कि अगर कोई बांग्लादेश से भारत आना चाहता है तो उसे वैध प्रक्रिया और वीज़ा का पालन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि पुलिस ऐसे लोगों की पहचान कर कार्रवाई कर रही है।
तृणमूल कांग्रेस ने फडणवीस के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। वरिष्ठ तृणमूल नेता और मंत्री शशि पांजा ने कहा, “ममता बनर्जी तीन बार चुनी गई मुख्यमंत्री हैं। उनके लिए राष्ट्र सर्वोपरि है और राष्ट्रीय सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता रही है।” उन्होंने याद दिलाया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के समय अभिषेक बनर्जी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पक्ष रखने के लिए प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।
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पांजा ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर घुसपैठ हो रही है तो इसकी ज़िम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल (BSF) की है, जिसका नियंत्रण केंद्र सरकार के पास है।
बीजेपी और तृणमूल के बीच बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ का मुद्दा लगातार राजनीतिक विवाद बढ़ा रहा है, खासकर जब पश्चिम बंगाल में 2026 के चुनाव नज़दीक आ रहे हैं।
बीजेपी का आरोप है कि तृणमूल घुसपैठियों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती है, जबकि तृणमूल का आरोप है कि बीजेपी बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों को परेशान कर रही है। आने वाले महीनों में यह विवाद और तीखा होने की संभावना है।
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