पश्चिम बंगाल में कोलकाता के एक भगवद गीता पाठ कार्यक्रम के दौरान नॉन-वेज भोजन बेचने वाले विक्रेताओं पर हुए हमले को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। यह कार्यक्रम पिछले सप्ताह राज्य के कई हिंदू समूहों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम स्थल के पास नॉन-वेज खाद्य सामग्री बेचने वाले स्टॉलों को निशाना बनाए जाने के बाद तनाव उत्पन्न हुआ। जिसके बाद राजनीतिक दलों ने भी अपनी कड़ी प्रतिक्रियाएं दीं।
कुछ लोगों ने खाद्य विक्रेताओं के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की है। आरोप है कि गीता पाठ कार्यक्रम के पास नॉन-वेज भोजन बेचने से कुछ समूहों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं, जिसके बाद यह हमला हुआ। हालांकि, कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि किसी भी विवाद का समाधान हिंसा नहीं हो सकता।
घटना को लेकर विपक्षी दलों ने कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि किसी धार्मिक आयोजन के नाम पर कमजोर वर्गों पर हमला करना अस्वीकार्य है। वहीं, कुछ अन्य समूहों ने तर्क दिया कि ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों के आसपास नॉन-वेज स्टॉल लगाए ही नहीं जाने चाहिए थे, ताकि किसी प्रकार का विवाद न हो।
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कोलकाता पुलिस ने इस मामले में एक एफआईआर दर्ज की है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हमले में शामिल लोगों की पहचान की प्रक्रिया शुरू है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
यह घटना राज्य में सामाजिक सौहार्द और धार्मिक आयोजनों के दौरान संवेदनशीलता बनाए रखने की आवश्यकता पर व्यापक बहस को जन्म दे
रही है।
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