पुणे के डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी (DIAT) के लिए यह गर्व का क्षण है, क्योंकि संस्थान के पांच प्राध्यापकों को प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड-एल्सेवियर टॉप 2% वैज्ञानिक सूची में शामिल किया गया है। यह सूची विश्व के उन शोधकर्ताओं को मान्यता देती है जिन्होंने अपने क्षेत्रों में असाधारण योगदान दिया है और जिनके कार्यों का वैज्ञानिक जगत पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जॉन इओनिडिस और उनकी टीम द्वारा तैयार की गई यह सूची हर वर्ष प्रकाशित होती है और इसे एल्सेवियर पब्लिकेशन द्वारा जारी किया जाता है। इस सूची में वैज्ञानिकों का चयन उनके शोध प्रकाशनों की संख्या, उद्धरणों (citations), h-index, और उनके कार्य के प्रभाव (impact) के आधार पर किया जाता है।
डीआईएटी के जिन पांच प्राध्यापकों को इस वर्ष शामिल किया गया है, उन्होंने रक्षा प्रौद्योगिकी, सामग्री विज्ञान, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और कंप्यूटेशनल रिसर्च जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इनकी खोजों और शोध कार्यों का उपयोग भारत की रक्षा और तकनीकी स्वावलंबन की दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है।
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संस्थान के कुलपति ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल डीआईएटी बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान संस्थान के अनुसंधान उत्कृष्टता और नवाचार के प्रति समर्पण का प्रमाण है।
स्टैनफोर्ड-एल्सेवियर सूची में शामिल होना किसी भी वैज्ञानिक के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाती है, क्योंकि यह सूची वैश्विक स्तर पर लगभग 20 लाख वैज्ञानिकों में से केवल शीर्ष 2% शोधकर्ताओं को स्थान देती है।
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