सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (3 नवंबर 2025) को मणिपुर से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में बताया कि नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू), गांधीनगर, गुजरात की गोपनीय रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से संबंधित व्हिसलब्लोअर ऑडियो टेप में छेड़छाड़ और संपादन किया गया है।
इन ऑडियो टेपों को एक व्हिसलब्लोअर ने पेश किया था, जिसमें दावा किया गया था कि इनमें एन. बीरेन सिंह की टेलीफोनिक बातचीत है, जो मणिपुर में जातीय हिंसा भड़काने से जुड़ी हुई है। हालांकि, फोरेंसिक जांच ने इन टेपों की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
न्यायमूर्ति संजय कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस गोपनीय रिपोर्ट को अदालत में पढ़ा, जबकि मामले के पक्षकार कोर्टरूम में मौजूद थे। रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकला कि संबंधित ऑडियो रिकॉर्डिंग्स को “संशोधित, संपादित और छेड़छाड़ किया गया है।”
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इससे पहले कुकी समुदाय के अधिकारों से जुड़ा एक संगठन सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था, जिसने इन टेपों को सबूत के तौर पर पेश करते हुए दावा किया था कि ये राज्य में हुई हिंसा के पीछे की साजिश को उजागर करते हैं।
हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट को मिली फोरेंसिक रिपोर्ट ने इन दावों की प्रामाणिकता पर संदेह जता दिया है। अदालत ने कहा कि इस रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए आगे की कार्यवाही तय की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि इस मामले में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए सभी तथ्यों और साक्ष्यों की पुनः समीक्षा की जा सकती है।
यह मामला मणिपुर में जारी जातीय तनाव और राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों से जुड़ा होने के कारण बेहद संवेदनशील माना जा रहा है।
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