सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी जी. संपत कुमार ने मद्रास उच्च न्यायालय में एक नई अपील दायर की है। इस अपील में उन्होंने एकल न्यायाधीश द्वारा 11 अगस्त 2025 को पारित उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की गवाही दर्ज करने के लिए एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की गई थी।
धोनी ने 2013 के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) सट्टेबाजी घोटाले में अपना नाम घसीटे जाने पर जी. संपत कुमार और कुछ अन्य व्यक्तियों के खिलाफ ₹100 करोड़ का मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उनका आरोप था कि इस मामले में गलत जानकारी देकर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया गया।
इससे पहले, 31 अक्टूबर 2025 को न्यायमूर्ति एस.एम. सुब्रमण्यम और एम. जोथिरामन की खंडपीठ ने संपत कुमार की पिछली अपील को खारिज कर दिया था। उस अपील में उन्होंने 2021 में एकल न्यायाधीश द्वारा धोनी के मानहानि मामले को खारिज करने से इनकार किए जाने को चुनौती दी थी।
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अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता पी.आर. रमन की दलीलों से सहमत होकर कहा कि अपील में कोई ठोस आधार नहीं है और धोनी का मामला विचारण योग्य है। अब इस नई अपील पर न्यायमूर्ति एस.एम. सुब्रमण्यम और मोहम्मद शफीक की खंडपीठ 4 नवंबर 2025 को सुनवाई करेगी।
यह मामला 2013 आईपीएल सट्टेबाजी घोटाले से जुड़ा है, जिसमें कई नामचीन व्यक्तियों के नाम सामने आए थे। धोनी का कहना है कि उन्हें बेवजह विवाद में घसीटा गया था।
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