वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज़ रेटिंग्स ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा हाल ही में की गई जीएसटी कटौती से होने वाला राजस्व नुकसान सरकार के अनुमान से कहीं अधिक हो सकता है। सरकार ने अनुमान लगाया था कि इन कटौतियों से करीब 48,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्रभावित होगा, लेकिन मूडीज़ का मानना है कि वास्तविक प्रभाव इससे कहीं ज्यादा पड़ेगा।
एजेंसी के अनुसार, जीएसटी दरों में कटौती से उपभोक्ताओं और कुछ खास उद्योगों को राहत तो मिलेगी, लेकिन इसका असर केंद्रीय और राज्य सरकारों की कर वसूली पर गहरा पड़ेगा। इसका सीधा असर सरकारी योजनाओं के वित्तपोषण और विकास परियोजनाओं पर भी हो सकता है।
मूडीज़ ने यह भी कहा कि राजस्व में कमी का दबाव केंद्र सरकार को राजकोषीय घाटा नियंत्रित करने में चुनौती खड़ी कर सकता है। हालांकि, यदि जीएसटी कटौती से मांग में तेज़ी आती है और खपत बढ़ती है, तो लंबी अवधि में अर्थव्यवस्था को लाभ मिल सकता है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार ने चुनावी और उपभोक्ता राहत के दृष्टिकोण से यह कदम उठाया है, लेकिन इसके वित्तीय नतीजों को संतुलित करना आसान नहीं होगा। राज्यों की ओर से पहले से ही राजस्व बंटवारे और क्षतिपूर्ति पर चिंता जताई जा रही है।
मूडीज़ ने चेतावनी दी कि यदि राजस्व नुकसान अपेक्षा से कहीं अधिक हुआ तो यह भारत की समग्र वित्तीय स्थिरता और निवेशकों की धारणा पर भी असर डाल सकता है।
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