केंद्र सरकार देश की उच्च शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। लोकसभा को सोमवार को सूचित किया गया कि शिक्षा मंत्रालय एक नये विधेयक पर काम कर रहा है, जिसके तहत हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया (HECI) की स्थापना की जाएगी। यह संस्था देश में उच्च शिक्षा के लिए एकमात्र नियामक के रूप में काम करेगी।
यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर के जरिए दी। उन्होंने बताया, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) एक 'लाइट बट टाइट' नियामक ढांचे की कल्पना करती है, जो पारदर्शिता, जवाबदेही और संसाधन दक्षता सुनिश्चित करेगा, साथ ही नवाचार और आत्मनिर्भरता को भी प्रोत्साहित करेगा।”
NEP 2020 के विज़न के तहत HECI को एक छतरी संस्था के रूप में स्थापित किया जाएगा, जिसके अंतर्गत चार स्वतंत्र अंग होंगे – नियमन, प्रत्यायन, वित्तपोषण और शैक्षणिक मानक निर्धारण।
HECI के गठन से वर्तमान में कार्यरत तीन संस्थाएं — विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE), और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) — का स्थान ले लिया जाएगा। वर्तमान में UGC गैर-तकनीकी, AICTE तकनीकी, और NCTE अध्यापक शिक्षा कार्यक्रमों को नियंत्रित करते हैं।
गौरतलब है कि HECI का विचार पहली बार 2018 में सामने आया था, जब एक ड्राफ्ट विधेयक पेश किया गया था और सार्वजनिक सुझावों के लिए जारी किया गया था। हालांकि, इस दिशा में गति 2021 में तब आई जब धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री का कार्यभार संभाला।
NEP दस्तावेज़ इस बात को रेखांकित करता है कि देश की उच्च शिक्षा को पुनर्जीवित करने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए मौजूदा नियामक प्रणाली में संपूर्ण बदलाव की आवश्यकता है।