प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए ‘सुदर्शन चक्र’ परियोजना शुरू करने की घोषणा की। इस परियोजना का उद्देश्य देश की रक्षा क्षमता और सुरक्षात्मक कवच को और मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी सीमाओं और रणनीतिक प्रतिष्ठानों को किसी भी खतरे से सुरक्षित रखने के लिए आधुनिक तकनीक और स्वदेशी रक्षा प्रणालियों पर निर्भर रहना होगा।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने सिंधु जल संधि पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इस संधि ने भारत के कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचाया है। प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार, हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे समझौते जारी रखना निरर्थक है, जो भारत के हितों के विरुद्ध जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब समझौतों के नाम पर नुकसान सहन नहीं करेगा और राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहेगी। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन के रास्ते पर तेज गति से आगे बढ़ रहा है और नई परियोजनाएं देश को वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में मजबूत करेंगी।
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रक्षा विशेषज्ञों ने ‘सुदर्शन चक्र’ परियोजना को भारत की रक्षा नीति में बड़ा बदलाव बताते हुए इसे भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए अहम कदम करार दिया है। इस परियोजना के अंतर्गत उन्नत मिसाइल सिस्टम, एंटी-ड्रोन तकनीक और बहुस्तरीय रक्षा कवच विकसित किया जाएगा।
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