भारत और चीन ने हाल ही में सीमा पर जारी तनाव की स्थिति की समीक्षा करते हुए विशेष प्रतिनिधियों (Special Representatives) के बीच प्रस्तावित वार्ता की तैयारी शुरू कर दी है। यह पहल दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और सीमा विवाद के समाधान की दिशा में एक कूटनीतिक कदम मानी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, यह समीक्षा बैठक द्विपक्षीय राजनयिक चैनलों के माध्यम से हुई, जिसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति, हालिया सैन्य गतिशीलता, और जमीनी हालात की विस्तार से समीक्षा की गई। दोनों पक्षों ने यह सहमति जताई कि बातचीत के माध्यम से शांति और स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता है।
यह विकास ऐसे समय में हुआ है जब पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में कई बार सैन्य स्तर की बातचीत के बावजूद पूर्ण डी-एस्केलेशन नहीं हो पाया है। हालिया समीक्षा का उद्देश्य विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता के लिए एक मजबूत आधार तैयार करना है, जो सीमा विवाद के राजनीतिक समाधान पर केंद्रित होगी।
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भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन की ओर से विदेश मंत्री वांग यी के बीच यह वार्ता संभावित रूप से अगले महीने हो सकती है। इससे पहले 2020 में गलवान संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह संवाद प्रक्रिया सीमा पर स्थिरता लाने और द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है, बशर्ते इसे ईमानदारी और पारदर्शिता से आगे बढ़ाया जाए।
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