भारत और चीन जल्द ही अपनी तनावपूर्ण कूटनीतिक संबंधों को सुधारने के लिए सीधे विमान सेवाओं को फिर से शुरू करने जा रहे हैं। दोनों देशों ने इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने का निर्णय लिया है, जिससे व्यापार, पर्यटन और पारस्परिक संबंधों में सुधार हो सके।
सूत्रों के अनुसार, एयरलाइंस कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे इस नई पहल के लिए अपनी तैयारियां शुरू करें। इससे भारतीय और चीनी यात्रियों के लिए यात्रा सुविधाओं में वृद्धि होगी और दोनों देशों के बीच संपर्क बेहतर होगा।
यह निर्णय दोनों देशों के बीच पिछले कुछ वर्षों से चले आ रहे सीमा विवाद और कूटनीतिक तनावों के बाद एक नई शुरुआत की तरह माना जा रहा है। सीधे उड़ानों का फिर से शुरू होना व्यापार और आर्थिक सहयोग को भी प्रोत्साहित करेगा।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से न केवल दोनों देशों के बीच वार्तालाप में तेजी आएगी, बल्कि सामान्य नागरिकों के बीच भी बेहतर समझ और सहयोग स्थापित होगा। साथ ही, यह क्षेत्रीय स्थिरता और शांति को बढ़ावा देने में सहायक होगा।
एयरलाइंस की तैयारियों में नई उड़ान योजनाओं का निर्माण, उड़ानों की सुरक्षा जांच और यात्री सुविधाओं का समुचित प्रबंध शामिल होगा। अधिकारियों ने कहा है कि इस पहल को सफल बनाने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएंगे।
इस तरह की पहल भारत-चीन संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत कर सकती है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। आने वाले हफ्तों में दोनों देशों के बीच बातचीत और सहयोग के और भी नए अवसर सामने आ सकते हैं।
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