भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ करने के उद्देश्य से वाराणसी में उच्च स्तरीय वार्ता आयोजित की जाएगी। यह बैठक दोनों देशों के बीच रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को नए आयाम देने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस वार्ता में दोनों देशों के शीर्ष नेता और अधिकारी शामिल होंगे। चर्चाओं का मुख्य फोकस व्यापार, निवेश, रक्षा सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर रहेगा। इसके अलावा, हिंद महासागर क्षेत्र में उभर रही भू-राजनीतिक चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
मॉरीशस, भारतीय महासागर क्षेत्र में भारत का एक अहम साझेदार है और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक संबंध गहरे हैं। विशेष रूप से, मॉरीशस में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जिससे दोनों देशों के रिश्ते और भी मजबूत होते हैं।
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वाराणसी में होने वाली इस वार्ता का एक और विशेष पहलू यह है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में आयोजित हो रही है, जो भारत और मॉरीशस के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी रेखांकित करता है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक के बाद कई द्विपक्षीय समझौते और संयुक्त घोषणाएँ सामने आ सकती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह वार्ता न केवल भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों को नई ऊँचाई देगी, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक भूमिका को और मजबूत करेगी।
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