भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जायू ने 17 जुलाई, 2025 को कहा कि भारत अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित नवाचारों के माध्यम से वैश्विक क्रिएटिव अर्थव्यवस्था (Creative Economy) का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि एआई भारत को न केवल आर्थिक रूप से, बल्कि सांस्कृतिक और भाषायी विविधता के संदर्भ में भी वैश्विक मंच पर विशिष्ट पहचान दिला सकता है।
संजय जायू ने देश की अग्रणी एआई स्टार्टअप्स से आग्रह किया कि वे ऐसे स्वदेशी और स्केलेबल समाधान विकसित करें जो भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाएं। उन्होंने यह भी ज़ोर दिया कि भारत जैसे विशाल और विविध समाज के लिए तकनीकी समाधान भी समावेशी और स्थानीय संदर्भ में प्रभावी होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि क्रिएटिव सेक्टर में एआई का उपयोग फिल्मों, संगीत, गेमिंग, डिजिटल कंटेंट और एनीमेशन जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं खोल रहा है। इससे न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि भारत की रचनात्मक प्रतिभा को वैश्विक पहचान भी मिलेगी।
संजय जायू ने नीति निर्माताओं, तकनीकी विशेषज्ञों और रचनात्मक उद्यमियों से मिलकर काम करने का आह्वान किया ताकि भारत को इस उभरते हुए क्षेत्र में अग्रणी देश बनाया जा सके। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत के पास तकनीकी कौशल, युवा शक्ति और सांस्कृतिक समृद्धि का वह त्रिकोण है, जो उसे वैश्विक नेतृत्व दिला सकता है।