भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) ने रक्षा, निवेश और शिक्षा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौते किए हैं। इसके तहत भारत यूके से 3.5 अरब रुपये (लगभग 350 मिलियन पाउंड) की कीमत के मिसाइलों की खरीद करेगा। यह कदम दोनों देशों के बीच रणनीतिक और रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, भारत और यूके ने नौसेना जहाजों के लिए इलेक्ट्रिक इंजन विकसित करने पर 2.5 अरब रुपये (लगभग 250 मिलियन पाउंड) का समझौता किया है। इस पहल का उद्देश्य समुद्री तकनीक और रक्षा उद्योग में सहयोग बढ़ाना है।
व्यापार और निवेश के क्षेत्र में भी दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। 64 भारतीय कंपनियों ने यूके में कुल 13 अरब रुपये (लगभग 1.3 बिलियन पाउंड) का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई। इससे न केवल यूके में भारतीय निवेश बढ़ेगा, बल्कि दोनों देशों के व्यापारिक और औद्योगिक संबंधों को भी मजबूती मिलेगी।
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शिक्षा क्षेत्र में भी प्रगति हुई है। दो प्रमुख यूके विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति दी गई है, जिससे शिक्षा सहयोग को बढ़ावा मिलेगा और छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के अवसर उपलब्ध होंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह समझौता भारत-यूके रणनीतिक साझेदारी को नई ऊँचाई देगा। रक्षा, व्यापार और शिक्षा में सहयोग से दोनों देशों के दीर्घकालिक हित सुरक्षित होंगे।
इन पहलुओं से यह स्पष्ट होता है कि भारत और यूके का यह कदम रणनीतिक, आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने का प्रयास है।
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