मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा ज़िले में शुक्रवार (31 अक्टूबर 2025) को एक पांच महीने की बच्ची की मौत के बाद परिवार ने आयुर्वेदिक खांसी की दवा को जिम्मेदार ठहराया है। अधिकारियों ने बताया कि शिशु को हाल ही में कुछ आयुर्वेदिक दवाएं, जिनमें एक खांसी का सिरप भी शामिल था, दी गई थीं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी संबंधित दवाओं को जब्त कर उनके नमूने जांच के लिए भेज दिए हैं।
यह घटना उस समय सामने आई है जब प्रदेश में खांसी की दवाओं को लेकर विवाद जारी है। पिछले दो महीनों में छिंदवाड़ा और आस-पास के ज़िलों में 25 बच्चों की मौत गुर्दे फेल होने के कारण हुई थी, जिनका संबंध ‘कोल्डरिफ’ नामक एलोपैथिक खांसी के सिरप से जोड़ा गया था। इस सिरप में एक जहरीले औद्योगिक सॉल्वेंट की मिलावट पाई गई थी।
अधिकारियों ने कहा है कि मामले की पूरी जांच की जा रही है और रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि शिशु की मौत का कारण वास्तव में दवा थी या नहीं। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी तरह की ओवर-द-काउंटर (OTC) दवा का इस्तेमाल न करें, विशेषकर शिशुओं के लिए।
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स्वास्थ्य विभाग ने यह भी कहा कि सभी प्रकार की खांसी की दवाओं – चाहे वे एलोपैथिक हों या आयुर्वेदिक – पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
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