कर्नाटक के पर्यावरण मंत्री खांदरे ने बेंगलुरु में बढ़ती प्रदूषण समस्या को लेकर गंभीर चिंता जताई है और कहा है कि अगर तुरंत कदम नहीं उठाए गए तो शहर दिल्ली जैसी गैस चैंबर बन सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस समस्या से बचने के लिए सभी संस्थागत निकायों को मिलकर काम करना होगा।
मंत्री ने बताया कि एक व्यक्ति के लिए आरामदायक जीवन जीने के लिए कम से कम सात पेड़ होने चाहिए, लेकिन बेंगलुरु में प्रति सात लोगों पर भी एक पेड़ नहीं है। इस कमी के कारण शहर में वायु प्रदूषण और तापमान में वृद्धि हो रही है, जो जनता के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
उन्होंने कहा कि पेड़ों की संख्या बढ़ाना और हरी-भरी जगहों को बचाना जरूरी है ताकि हवा की गुणवत्ता सुधर सके और पर्यावरण संतुलन बना रहे। इसके लिए नगर निगम, पर्यावरण विभाग, वन विभाग और नागरिक समाज को मिलकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।
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खांदरे ने यह भी कहा कि शहर के विस्तार के साथ-साथ औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों की संख्या में वृद्धि से प्रदूषण बढ़ रहा है, जिसे नियंत्रित करना जरूरी है। उन्होंने पर्यावरण नियमों का सख्ती से पालन कराने और लोगों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया।
मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार इस दिशा में काम कर रही है और जलवायु परिवर्तन तथा प्रदूषण नियंत्रण के लिए योजनाएं बना रही है। बेंगलुरु को प्रदूषण मुक्त और हरियाली से भरपूर बनाने के लिए सभी को सहयोग देना होगा।
इस प्रकार, खांदरे ने सभी से अपील की है कि वे पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अपने स्तर पर प्रयास करें ताकि बेंगलुरु स्वस्थ और सुरक्षित शहर बना रहे।
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