हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी पूरन कुमार की मौत के मामले ने राज्य में संवेदनशील राजनीतिक और प्रशासनिक माहौल बना दिया है। मामले की जांच को लेकर पत्नी अमनीत ने FIR में कथित “कमज़ोरी” का आरोप लगाया है, जबकि परिवार के सदस्यों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार किया है।
राज्य सरकार ने मामले के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए तेजी दिखाई। कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार, मुख्य सचिव और अन्य उच्च अधिकारियों ने पूरन कुमार की पत्नी अमनीत से उनके आवास पर मुलाकात की। अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि मामले की निष्पक्ष और शीघ्र जांच सुनिश्चित की जाएगी।
चंडीगढ़ पुलिस ने मामले की गहन जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। SIT की जिम्मेदारी होगी कि घटना के सभी पहलुओं की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जाए। अधिकारियों का कहना है कि परिवार और सार्वजनिक दृष्टिकोण दोनों को ध्यान में रखते हुए जांच पूरी की जाएगी।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले ने राज्य प्रशासन के लिए चुनौती पैदा कर दी है, क्योंकि पुलिस और सरकार दोनों ही संवेदनशील स्थिति में हैं। मृतक अधिकारी के परिवार और जनता के विश्वास को बनाए रखना प्रशासन के लिए जरूरी है।
इस मामले ने हरियाणा में IPS अधिकारियों के कामकाज और उनके साथ हो रही परिस्थितियों पर भी सवाल उठाए हैं। सरकार और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि जांच निष्पक्ष हो और किसी प्रकार की राजनीति या दबाव से प्रभावित न हो।
राज्य सरकार ने मामले में तेजी से कदम उठाने और SIT के माध्यम से सत्य को सामने लाने का आश्वासन दिया है।
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