भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसरो ने मिशन के लिए पहली एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह परीक्षण मिशन के विभिन्न महत्वपूर्ण चरणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया गया था।
गगनयान मिशन के अंतर्गत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस मिशन के दौरान आरोहण (लॉन्च के बाद ऊपर उठने की प्रक्रिया), अवरोहण (वापस लौटने की प्रक्रिया) और स्प्लैशडाउन (समुद्र में उतरने का चरण) सबसे जोखिमपूर्ण माने जा रहे हैं। यही कारण है कि इसरो इन चरणों की सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए लगातार विभिन्न परीक्षण कर रहा है।
इस परीक्षण में अंतरिक्ष यान के क्रू मॉड्यूल को विमान से निर्धारित ऊँचाई पर छोड़ा गया और यह देखा गया कि आपात स्थिति में उसे सुरक्षित तरीके से समुद्र में उतारा जा सकता है या नहीं। यह परीक्षण इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि यह गगनयान मिशन के महत्वपूर्ण सुरक्षा मानकों को परखने का हिस्सा है।
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इसरो के अधिकारियों ने बताया कि आने वाले महीनों में और भी कई परीक्षण किए जाएंगे, जिनमें क्रू एस्केप सिस्टम और पुनः प्रवेश क्षमताओं का मूल्यांकन शामिल होगा। इन परीक्षणों के सफल होने के बाद ही भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने का मार्ग प्रशस्त होगा।
यह उपलब्धि भारत के मानव अंतरिक्ष अभियान को मजबूती देती है और वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान में देश की स्थिति को और सुदृढ़ करती है।
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