झारखंड सरकार ने उत्तर अफ्रीका के ट्यूनीशिया में फंसे राज्य के 48 प्रवासी मजदूरों से संपर्क स्थापित कर लिया है। श्रम विभाग की प्रवासी नियंत्रण इकाई ने भारतीय दूतावास की मदद से सभी मजदूरों से बातचीत की और उनके दस्तावेजों की जांच शुरू की है।
श्रम विभाग की टीम लीडर शिखा लकड़ा ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर इन मजदूरों से संपर्क स्थापित किया गया है और भारतीय दूतावास के अधिकारियों के साथ लगातार समन्वय किया जा रहा है ताकि सभी मजदूरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके।
मुख्यमंत्री सोरेन ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक एक्स (X) हैंडल पर इस मामले पर संज्ञान लेते हुए बोकारो, हजारीबाग और गिरिडीह जिलों के उपायुक्तों को इन मजदूरों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
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सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली, जिन्होंने सबसे पहले प्रवासी नियंत्रण इकाई को मजदूरों की स्थिति की जानकारी दी, ने बताया कि ट्यूनीशिया में फंसे मजदूरों में 19 हजारीबाग, 14 गिरिडीह और 15 बोकारो जिले के हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी मजदूर एक दिल्ली स्थित निजी कंपनी के माध्यम से एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के प्रोजेक्ट में हाई ट्रांसमिशन तार बिछाने का काम कर रहे थे।
अली ने बताया कि मजदूरों ने एक वीडियो संदेश के जरिए आरोप लगाया है कि उन्हें तीन महीनों से वेतन नहीं दिया जा रहा और उन्हें अतिरिक्त समय तक जबरन काम कराया जा रहा है। इससे वे मानसिक तनाव में हैं और घर लौटना चाहते हैं, लेकिन कंपनी उन्हें अनुमति नहीं दे रही। मजदूरों ने केंद्र और राज्य सरकार से घर वापस लाने की अपील की है।
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