भारतीय रेलवे ने प्रयागराज मंडल में 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर स्वदेशी रूप से विकसित ‘कवच’ (Kavach) प्रणाली का सफल लोकोमोटिव परीक्षण किया है। यह परीक्षण दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर किया गया, जो देश के सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण रेल मार्गों में से एक है। इस परीक्षण का उद्देश्य उच्च गति वाली ट्रेनों के संचालन के दौरान सुरक्षा स्तर को और मजबूत करना है।
रेल मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, ‘कवच’ प्रणाली ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम (Train Collision Avoidance System – TCAS) है, जो ट्रेन की गति को नियंत्रित करने और मानवीय त्रुटियों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करती है। यदि दो ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आमने-सामने आती हैं, तो यह प्रणाली स्वतः ब्रेक लगाकर टक्कर को रोक देती है।
परीक्षण के दौरान रेलवे ने दो इंजनों पर यह सिस्टम लगाकर इसकी तकनीकी दक्षता और सिग्नलिंग इंटरलॉकिंग की सटीकता का आकलन किया। अधिकारियों ने बताया कि कवच प्रणाली को भारतीय रेलवे के रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (RDSO) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है और इसे ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत बनाया गया है।
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इस ट्रायल की सफलता के बाद रेलवे अब दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई जैसे प्रमुख मार्गों पर कवच सिस्टम को लागू करने की योजना बना रहा है। यह प्रणाली घने कोहरे, खराब मौसम या उच्च गति संचालन के दौरान भी ट्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
यह पहल भारत को विश्वस्तरीय रेल सुरक्षा मानकों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
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