लोकसभा में चुनावी सुधारों पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बीच तीखी जुबानी जंग देखने को मिली। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उठाए गए मतदाता सूची से जुड़े अनियमितताओं के मुद्दे पर खुली बहस की चुनौती दी, जिस पर अमित शाह भड़क उठे और कहा कि वे अपने भाषण का क्रम किसी के कहने पर नहीं बदलेंगे।
शाह ने अपने भाषण में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे मौजूदा मतदाता सूचियों में अनियमितताओं का आरोप लगाते रहते हैं, लेकिन जब वोटर लिस्ट को अपडेट करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) किया जाता है, तो वे उस पर भी आपत्ति जताते हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “जब आप चुनाव जीतते हैं, नए कपड़े पहनकर शपथ लेते हैं, तब वोटर लिस्ट ठीक होती है। लेकिन जब बिहार की तरह आप हार जाते हैं, तब कहते हैं कि सूची में गड़बड़ी है। ये दोहरे मानदंड नहीं चलेंगे।”
शाह ने राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ़्रेंस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने ‘वोट चोरी’ की बात उठाई, जबकि “कुछ परिवार—स्पष्ट रूप से नेहरू-गांधी परिवार की ओर इशारा—पीढ़ियों से वोट चोर रहे हैं।”
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इसके बाद राहुल गांधी ने बीच में हस्तक्षेप करते हुए पूछा कि चुनाव आयुक्तों को उनके कार्यकाल के दौरान कार्रवाई से छूट क्यों दी गई है। उन्होंने शाह पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस की चुनिंदा बातें उठाने का आरोप लगाया और चुनौती दी—“आइए, मेरी प्रेस कॉन्फ़्रेंस पर खुली बहस कीजिए। अमित शाह जी, मैं आपको चुनौती देता हूँ कि तीनों प्रेस कॉन्फ़्रेंस पर बहस करें।”
शाह ने कड़े स्वर में जवाब दिया, “मैं 30 वर्षों से विधानसभा और संसद का सांसद रहा हूँ, व्यापक अनुभव है। संसद आपके कहने पर नहीं चलेगी। मैं ही तय करूंगा कि क्या पहले कहूँगा और क्या बाद में। आपको धैर्य से मेरा जवाब सुनना चाहिए।”
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