अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ और जीएसटी स्लैब में किए गए बदलावों के असर से निपटने के लिए केरल सरकार ने केंद्र से वित्तीय सहयोग की मांग की है। राज्य सरकार ने 16वें वित्त आयोग से अनुरोध किया है कि वह अगले पांच वर्षों के लिए राज्य की वित्तीय स्थिति और संसाधन आवश्यकताओं का पुनर्मूल्यांकन करे।
केरल ने संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत अनुपूरक अनुदान (Supplementary Grants) की मांग की है। इसके साथ ही राज्य ने अपनी उधारी सीमा में 0.5% की अतिरिक्त छूट देने की अपील भी की है, ताकि वित्तीय दबावों से राहत मिल सके।
राज्य सरकार का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ का सीधा असर निर्यात पर पड़ा है, जिससे व्यापारिक राजस्व प्रभावित हुआ है। वहीं, जीएसटी स्लैब में किए गए बदलावों से राज्य के कर संग्रह पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है। इन दोनों कारणों से राज्य की आय में गिरावट आई है और विकास योजनाओं को सुचारू रूप से चलाना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
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वित्त आयोग को भेजे गए ज्ञापन में केरल ने यह भी कहा है कि जब वह ऊर्ध्वाधर बंटवारे (Vertical Devolution) और राजस्व घाटा अनुदान (Revenue Deficit Grants) पर अपनी सिफारिशें अंतिम रूप दे, तो राज्य की मौजूदा चुनौतियों और संसाधन आवश्यकताओं को प्राथमिकता दे।
विशेषज्ञों का मानना है कि केरल की यह मांग केवल राज्य की मौजूदा वित्तीय चुनौतियों का प्रतिबिंब नहीं है, बल्कि यह व्यापक रूप से उन कठिनाइयों को भी दर्शाती है जिनका सामना कई भारतीय राज्यों को वैश्विक आर्थिक नीतियों और जीएसटी ढांचे में बदलाव के कारण करना पड़ रहा है।
यदि आयोग इन मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाता है, तो यह न केवल केरल बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक राहतकारी मिसाल साबित हो सकता है।
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