कर्नाटक के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने हाल ही में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम उपभोक्ताओं और व्यापारिक वर्ग के लिए राहत देने वाला होगा।
सिद्धरमैया ने इसके साथ ही केंद्र सरकार से अपील की कि राज्य को इस निर्णय के कारण होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई में सहयोग दिया जाए। उनका कहना है कि जीएसटी कटौती से राज्य की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ सकता है, इसलिए केंद्र को राज्य की मदद करनी चाहिए ताकि योजनाओं और विकास कार्यों में बाधा न आए।
उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी कटौती से व्यापार में तेजी आएगी और उपभोक्ताओं को वस्तुओं और सेवाओं की लागत में कमी का लाभ मिलेगा। यह कदम विशेष रूप से मध्यम और छोटे व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो अक्सर कर संरचना के जटिलताओं के कारण प्रभावित होते हैं।
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विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी दरों में कमी से उपभोक्ता खर्च और आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन राज्य सरकारों के लिए राजस्व घाटा एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। इसलिए केंद्र और राज्य के बीच सहयोग आवश्यक है।
सिद्धरमैया के बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे राजनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण दोनों से इस कदम का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी जोर दिया कि राज्य और केंद्र को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आर्थिक संतुलन बनाए रखा जाए और कटौती का लाभ वास्तविक तौर पर जनता तक पहुंचे।
कुल मिलाकर, सिद्धरमैया का यह समर्थन जीएसटी सुधारों को लेकर सकारात्मक संकेत है और साथ ही यह राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए केंद्र से सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
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