जीएसटी दरों के सरलीकरण से राज्यों को होगा फायदा : एसबीआई रिसर्च
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के रिसर्च विभाग ने कहा है कि केंद्र सरकार के गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) दरों के सरलीकरण के प्रस्ताव से राज्यों को शुद्ध लाभ (Net Gain) होगा। इस प्रस्ताव के तहत मौजूदा कर संरचना को सरल बनाकर दो स्तरीय दर प्रणाली (5% और 18%) लागू करने की योजना है, जबकि कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40% कर लगाया जा सकता है।
एसबीआई रिसर्च के अनुसार, इस दर पुनर्गठन से कर संग्रहण क्षमता बढ़ेगी और अनुपालन (Compliance) आसान होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि नई संरचना के कारण राज्यों को उनके हिस्से के राजस्व में किसी तरह की कमी नहीं आएगी, बल्कि इसका सकारात्मक असर पड़ेगा।
और पढ़ें: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंत्रियों के समूहों को समझाया जीएसटी प्रस्तावों का महत्व
केंद्र सरकार ने सुझाव दिया है कि मौजूदा विभिन्न स्लैब को घटाकर एक समान और पारदर्शी व्यवस्था बनाई जाए। इस कदम से जहां उद्योगों को स्पष्ट कर दरें मिलेंगी, वहीं उपभोक्ताओं को भी कर प्रणाली में सरलता का लाभ मिलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि दो दरों वाली जीएसटी प्रणाली से कर चोरी पर भी अंकुश लगेगा। एसबीआई रिसर्च ने यह भी बताया कि उच्च कर दर (40%) केवल लक्ज़री और हानिकारक वस्तुओं पर लागू होगी, जिससे आवश्यक वस्तुओं पर भार नहीं बढ़ेगा।
रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया कि राज्यों और केंद्र के बीच सहयोग से इस बदलाव को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकता है, जिससे आर्थिक वृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा।
और पढ़ें: 6 महीने में आयकर अधिनियम को सरल बनाने का बड़ा काम: कर अधिकारियों की मेहनत