झारखंड में कुर्मी समाज के रेल अवरोध आंदोलन का असर रेलवे सेवाओं पर दिखने लगा है। आंदोलनकारियों ने विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर रेल पटरी पर बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जिसके कारण कई ट्रेनें आंशिक रूप से प्रभावित हुईं। यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है और कई मार्गों पर सेवाएं बाधित हो गई हैं।
इस आंदोलन को देखते हुए रांची जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। प्रशासन ने बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह आदेश जिले के विभिन्न रेलवे स्टेशनों के 300 मीटर के दायरे में लागू रहेगा। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी था।
कुर्मी समाज की प्रमुख मांगों में उन्हें अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करना और उनकी राजनीतिक-सामाजिक मान्यता को मजबूत करना शामिल है। आंदोलनकारियों का कहना है कि उनकी लंबे समय से चली आ रही मांगों की अनदेखी की जा रही है, जिसके चलते उन्हें विरोध का रास्ता अपनाना पड़ा है।
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रेल अवरोध के चलते राज्य के कई हिस्सों में ट्रेन सेवाओं पर सीधा असर पड़ा है। कुछ ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है, जबकि कई को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ा गया है। रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति की जानकारी अवश्य लें।
प्रशासन ने आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है और बातचीत के जरिए समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। हालांकि, आंदोलन जारी रहने से यात्रियों की परेशानी और बढ़ सकती है।
इस तरह, कुर्मी समाज का यह रेल अवरोध झारखंड में जनजीवन और परिवहन व्यवस्था पर गहरा असर डाल रहा है।
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