लोकसभा ने गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक पारित कर दिया है। यह विधेयक वर्तमान मानसून सत्र में लोकसभा द्वारा पारित किया जाने वाला पहला विधेयक है। इस सत्र में विपक्षी दलों द्वारा कई मुद्दों पर लगातार हंगामे और व्यवधानों के कारण सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही थी।
विधेयक का उद्देश्य गोवा विधानसभा में एसटी समुदाय को राजनीतिक प्रतिनिधित्व देना है, जिससे उन्हें राज्य की नीतिगत निर्णय प्रक्रिया में अधिक भागीदारी मिल सके। लंबे समय से एसटी समुदाय इस आरक्षण की मांग कर रहा था, ताकि उन्हें अन्य राज्यों की तरह समान अधिकार और प्रतिनिधित्व मिल सके।
केंद्रीय मंत्री ने सदन में बताया कि यह कदम सामाजिक न्याय और समावेशिता की दिशा में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि गोवा में एसटी आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन अब तक विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व नहीं रहा। इस विधेयक के पारित होने से यह ऐतिहासिक कमी दूर होगी और लोकतांत्रिक ढांचे में समान भागीदारी सुनिश्चित होगी।
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विपक्षी दलों ने हालांकि सदन में अन्य मुद्दों को लेकर विरोध जारी रखा, लेकिन इस विधेयक को व्यापक समर्थन मिला और बिना किसी बड़े विरोध के पारित कर दिया गया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह निर्णय गोवा की राजनीति में सकारात्मक बदलाव लाएगा और एसटी समुदाय को मुख्यधारा में शामिल करने में मदद करेगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस विधेयक का पारित होना न केवल गोवा की राजनीति में सामाजिक समानता को मजबूत करेगा, बल्कि यह अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल पेश करेगा।
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