लोकसभा में सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में हो रही प्रगति और आगामी मानव मिशन पर चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यदि भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला चंद्रमा पर उतरते हैं तो यह 2040 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य का प्रतीक होगा।
उन्होंने बताया कि सरकार ने वर्ष 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया था, जिसके बाद भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ी है। वर्तमान में यह 8 अरब डॉलर तक पहुँच चुकी है और अगले दस वर्षों में 45 अरब डॉलर का आंकड़ा छूने की संभावना है।
डॉ. सिंह ने कहा कि शुभांशु शुक्ला का आगामी मिशन केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उपलब्धि नहीं होगा, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब केवल प्रक्षेपण सेवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि सैटेलाइट निर्माण, अंतरिक्ष स्टार्टअप्स और वैश्विक सहयोग में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
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केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा को बताया कि सरकार का उद्देश्य है कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का लाभ केवल अनुसंधान तक सीमित न रहे, बल्कि कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और संचार जैसे क्षेत्रों में आम लोगों तक पहुँचे। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में भारत अंतरिक्ष अनुसंधान और मानव अंतरिक्ष उड़ान के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व स्थापित करेगा।
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