महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार लोगों के खाने-पीने की पसंद को नियंत्रित करने में कोई रुचि नहीं रखती। उनके बयान का मकसद यह दर्शाना है कि नागरिकों की व्यक्तिगत आज़ादी और भोजन संबंधी फैसलों का सम्मान किया जाएगा।
हालांकि, इस बीच नगर निगम के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग के उपायुक्त राजेश भगत ने 12 अगस्त, 2025 को एक आदेश जारी किया। इस आदेश के अनुसार, स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और जन्माष्टमी के अवसर पर शहर में स्थित सभी कट्टे और मांस की दुकानें बंद रहेंगी। आदेश का उद्देश्य सार्वजनिक आयोजनों के दौरान शहर में स्वच्छता बनाए रखना और धार्मिक/सांस्कृतिक भावनाओं का सम्मान करना बताया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम सरकार द्वारा सीधे लोगों के खाने-पीने की पसंद पर रोक लगाने के समान नहीं है। बल्कि, यह केवल विशेष अवसरों के लिए एक अस्थायी बंदी है। मुख्यमंत्री ने भी यह स्पष्ट किया कि यह नीति स्थायी नहीं है और लोगों की रोज़मर्रा की भोजन संबंधी स्वतंत्रता पर कोई प्रभाव नहीं डालेगी।
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आदेश में यह भी कहा गया है कि संबंधित अधिकारियों को सुनिश्चित करना होगा कि सार्वजनिक स्थलों पर सफाई और सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए। दुकानदारों और नागरिकों से अपेक्षा की गई है कि वे इन अस्थायी नियमों का पालन करें ताकि उत्सव और समारोह सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से मनाए जा सकें।
राज्य सरकार की यह स्थिति यह संकेत देती है कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए भी, सार्वजनिक आयोजन और सांस्कृतिक परंपराओं के मद्देनज़र कुछ अस्थायी नियम लागू किए जा सकते हैं।
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