महाराष्ट्र में भारी बारिश ने मंगलवार को दूसरे दिन भी हाहाकार मचा दिया। राज्य के विभिन्न हिस्सों में 24 घंटे में 350 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई, जिससे आठ लोगों की मौत हो गई और लगभग 14 लाख एकड़ फसलें बर्बाद हो गईं।
मुंबई में स्थानीय ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं और कई इलाकों में जलभराव के कारण यातायात बाधित रहा। मीठी नदी का जल स्तर कुछ घंटों के लिए खतरनाक स्थिति तक पहुंच गया, जिसके चलते 350 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया।
राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज कर दिए हैं। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और नदी या जलभराव वाले क्षेत्रों में जाने से बचने की चेतावनी दी है।
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कृषि विभाग ने बताया कि राज्य के कई जिलों में फसलें भारी नुकसान की चपेट में आई हैं। धान, गेहूं और सब्जियों की पैदावार पर इस वर्षा का गंभीर प्रभाव पड़ा है। किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने की योजना बनाई जा रही है।
मौसम विभाग ने अगले 24 से 48 घंटे के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। राज्य सरकार ने निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को कर्मचारियों को घर से काम करने का निर्देश दिया है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि मौसमी बदलाव और अत्यधिक वर्षा की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे बाढ़ और फसल नुकसान जैसी समस्याएं अधिक गंभीर होती जा रही हैं।
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