पश्चिम बंगाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) को करीब तीन साल बाद दोबारा शुरू करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए शर्तों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाटकीय तरीके से ठुकरा दिया। मंगलवार (9 दिसंबर 2025) को कूचबिहार में एक सार्वजनिक सभा के दौरान उन्होंने केंद्र द्वारा भेजे गए आधिकारिक नोट को मंच पर ही फाड़ दिया।
ममता बनर्जी ने कहा, “यह केंद्र का आदेश है। मैं इसे यहीं फाड़ रही हूं। मुझे लगता है कि यह अपमानजनक और अनादरपूर्ण है। हमें आपकी दया नहीं चाहिए।”
केंद्र की ओर से भेजी गई शर्तों में तत्काल श्रम बजट तैयार करना और कार्यकर्ताओं व अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू करना शामिल था। मुख्यमंत्री ने इन सभी शर्तों को अस्वीकार करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपनी मौजूदा कर्मश्री योजना को और विस्तार देगी ताकि ग्रामीण रोजगार की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
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गौरतलब है कि मार्च 2022 से पश्चिम बंगाल में MGNREGA भुगतान और कार्य स्थगित हैं, जिसके कारण लाखों ग्रामीण परिवारों की आजीविका प्रभावित हुई है। राज्य सरकार लंबे समय से केंद्र पर राजनीतिक विद्वेष का आरोप लगाते हुए योजना की बहाली की मांग करती रही है।
ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र द्वारा लगाए गए नए प्रावधान न केवल राज्य के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप हैं, बल्कि गरीब श्रमिकों के साथ अन्याय भी करते हैं। उन्होंने दावा किया कि बंगाल सरकार केंद्र के दबाव में नहीं आएगी और ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए अपने संसाधनों से ही वैकल्पिक व्यवस्था करेगी।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार आर्थिक सहायता रोककर राज्य के विकास कार्यों को बाधित कर रही है। सभा में मौजूद लोगों ने उनके कदम पर जोरदार समर्थन जताया।
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