मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने त्रिपुरा की क्षेत्रीय पार्टी तिपरा मोथा के संस्थापक प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा के साथ मुलाकात कर मणिपुर और त्रिपुरा में बढ़ते अवैध प्रवासन और अतिक्रमण की समस्याओं पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा करार दिया।
बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि म्यांमार और बांग्लादेश से आने वाले अवैध प्रवासियों की संख्या बढ़ने से जनसांख्यिकी में बदलाव आ रहा है, जिससे स्थानीय आबादी के अधिकार, संस्कृति और संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है। साथ ही, सरकारी भूमि और वन क्षेत्रों पर अतिक्रमण की समस्या भी तेजी से बढ़ रही है, जो पर्यावरण और आजीविका दोनों के लिए हानिकारक है।
एन. बिरेन सिंह और प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा ने अवैध प्रवासन पर रोक लगाने के लिए कड़े सीमा-नियंत्रण उपाय अपनाने, सीमा सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाने और उन्नत निगरानी तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया। इसके साथ ही, प्रभावित क्षेत्रों में मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा और उनके पुनर्वास के लिए विशेष नीति बनाने पर भी विचार किया गया।
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दोनों नेताओं ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के बीच समन्वय जरूरी है ताकि प्रभावी समाधान निकाला जा सके। उनका मानना है कि साझा प्रयासों और ठोस नीतिगत कदमों से अवैध प्रवासन और अतिक्रमण जैसी चुनौतियों से निपटा जा सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बैठक से पूर्वोत्तर राज्यों के बीच सहयोग और संवाद की नई दिशा तय हो सकती है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और विकास के लिए सकारात्मक होगी।
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