मुंबई पुलिस ने मनोज जरांगे को नोटिस जारी किया है और उन्हें आज़ाद मैदान, दक्षिण मुंबई से अपने भूख हड़ताल स्थल को खाली करने के लिए कहा है। मनोज जरांगे यहाँ मराठा आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं, और यह आंदोलन 2 सितंबर 2025 तक पाँचवें दिन में प्रवेश कर गया है।
मनोज जरांगे ने यह भूख हड़ताल मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर शुरू की थी। उनका कहना है कि मराठा समुदाय को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है और इसके लिए सरकार से शीघ्र कदम उठाने की अपेक्षा है।
मुंबई पुलिस ने नोटिस में कहा है कि आज़ाद मैदान सार्वजनिक स्थल है और इसे लंबी अवधि के लिए कब्जा करना कानूनी रूप से मान्य नहीं है। पुलिस ने मनोज जरांगे को चेतावनी दी है कि यदि मैदान खाली नहीं किया गया, तो आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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विशेषज्ञों का मानना है कि मनोज जरांगे की भूख हड़ताल ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा है। इस आंदोलन के चलते राजनीतिक और सामाजिक चर्चाएं तेज हो गई हैं।
सरकार और पुलिस दोनों ही स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के पक्ष में हैं और जनता से अपील की गई है कि वे प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बनाए रखें। आंदोलन के भविष्य और पुलिस कार्रवाई के बाद की परिस्थितियों पर सभी की नजरें लगी हुई हैं।
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