भारतीय शेयर बाजार मुनाफावसूली (प्रॉफिट बुकिंग) और विदेशी फंडों की निकासी के चलते गिरावट के साथ खुले। प्रमुख ब्लू-चिप शेयरों में बिकवाली के कारण बाजार पर दबाव देखा गया।
विश्लेषकों के अनुसार, हाल के दिनों में तेज़ी के बाद निवेशकों ने मुनाफा सुरक्षित करने की दिशा में कदम उठाए हैं, जिससे बाजार में कमजोरी आई। साथ ही, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की ओर से पूंजी निकासी भी बाजार की गिरावट का एक बड़ा कारण रही।
इस बीच, एशियाई बाजारों में सकारात्मक रुझान देखा गया। दक्षिण कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225, चीन का शंघाई एसएसई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक बढ़त में कारोबार कर रहे थे।
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वहीं, अमेरिका के शेयर बाजार 23 जुलाई, 2025 को मजबूत नोट पर बंद हुए। बेहतर तिमाही नतीजों और आर्थिक आंकड़ों की वजह से निवेशकों में विश्वास बढ़ा है, जिससे डाउ जोंस, नैस्डैक और एसएंडपी 500 में बढ़त दर्ज की गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय बाजार पर वैश्विक संकेतों, विदेशी निवेश की स्थिति और प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजों का प्रभाव आने वाले दिनों में स्पष्ट रूप से देखने को मिलेगा।
बाजार की मौजूदा चाल को देखते हुए निवेशकों को सतर्क रहकर निर्णय लेने की सलाह दी जा रही है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां हाल ही में तेज़ी देखने को मिली थी।
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