संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के उच्च स्तरीय सत्र में इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल नहीं होंगे। यह सत्र 23 से 29 सितंबर तक न्यूयॉर्क में आयोजित किया जाएगा। भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर महासभा को संबोधित करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र ने सामान्य बहस (General Debate) के लिए वक्ताओं की जो सूची जारी की है, उसमें जयशंकर का नाम शामिल है। हालांकि, यूएनजीए की यह सूची प्रोविजनल (अस्थायी) होती है और अक्सर उच्च स्तरीय सप्ताह शुरू होने से पहले इसमें वक्ताओं और कार्यक्रमों में बदलाव संभव होता है।
प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले कई बार यूएनजीए में शामिल होकर भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत कर चुके हैं। लेकिन इस बार वे न्यूयॉर्क यात्रा से दूरी बनाएंगे और भारत का प्रतिनिधित्व जयशंकर करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि जयशंकर का भाषण विदेश नीति, वैश्विक शांति, जलवायु परिवर्तन, विकासशील देशों की चिंताओं और बहुपक्षीय सुधारों पर केंद्रित हो सकता है।
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भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र में सुधार की मांग करता रहा है, खासकर सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के मुद्दे पर। ऐसे में जयशंकर का संबोधन इस दिशा में भारत की आवाज़ को और मजबूत कर सकता है।
विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक रूप से मोदी के इस सत्र में शामिल न होने का कारण स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि घरेलू कार्यक्रमों और व्यस्तताओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
यूएनजीए का उच्च स्तरीय सत्र वैश्विक नेताओं का सबसे बड़ा मंच माना जाता है, जहां सदस्य देश अपने दृष्टिकोण और नीतियों को सामने रखते हैं।
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