भारतीय मौसम विभाग (IMD) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश में इस वर्ष की मानसूनी बारिश सामान्य से 7% अधिक दर्ज की गई है। 1 जून से अब तक देश में कुल 447.8 मिमी बारिश हुई है, जबकि इस अवधि में सामान्य वर्षा का औसत 418.9 मिमी माना जाता है।
हालांकि, बारिश का वितरण अलग-अलग क्षेत्रों में असमान रहा। कुछ राज्यों में भारी वर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई, जबकि अन्य हिस्सों में वर्षा औसत से काफी कम रही, जिससे सूखे की आशंका बनी हुई है।
दक्षिण-पश्चिमी राज्यों और पूर्वोत्तर भारत में अपेक्षाकृत अधिक वर्षा हुई है। वहीं, उत्तर-पश्चिम भारत और कुछ मध्य राज्यों में वर्षा की कमी दर्ज की गई है। मौसम विभाग का कहना है कि मानसून की प्रगति सामान्य रही, लेकिन जलवायु परिवर्तन और मौसमी उतार-चढ़ाव के कारण वर्षा का पैटर्न असमान दिखा।
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विशेषज्ञों का मानना है कि औसत से अधिक बारिश के बावजूद किसानों और जल प्रबंधन के लिए चुनौती बनी रहेगी क्योंकि बारिश का समान वितरण न होने से फसल उत्पादन और सिंचाई योजनाओं पर असर पड़ सकता है।
IMD ने यह भी संकेत दिया कि आने वाले हफ्तों में मानसून की गतिविधि सक्रिय रहेगी, जिससे बारिश की मात्रा और बढ़ सकती है। मौसम वैज्ञानिकों ने राज्यों को जल प्रबंधन और आपदा तैयारी के लिए सतर्क रहने की सलाह दी है।
कुल मिलाकर, इस वर्ष का मानसून अभी तक सकारात्मक रहा है, लेकिन बारिश के असमान वितरण ने देश के कई हिस्सों में जल संसाधन प्रबंधन के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
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