मुंबई में इस साल की जोरदार मानसूनी बारिश ने शहर की झीलों और जलाशयों को भरने में बड़ी भूमिका निभाई है। मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) की प्रमुख सात झीलों में जलस्तर अब 80% से अधिक हो चुका है, जिससे आगामी महीनों में जल संकट की आशंका काफी हद तक कम हो गई है।
BMC के हाइड्रॉलिक इंजीनियर विभाग (मास्टर कंट्रोल सेंटर, भांडुप कॉम्प्लेक्स) द्वारा आंकड़ों के अनुसार, शहर की झीलों में कुल जल भंडारण अब 11.62 लाख मिलियन लीटर तक पहुंच गया है, जो कुल उपयोगी क्षमता का 80.32 प्रतिशत है।
मुंबई को पीने का पानी जिन सात प्रमुख जलस्रोतों से मिलता है, वे हैं: अपर वैतरणा, मोडक सागर, तानसा, मिडल वैतरणा, भातसा, विहार और तुलसी झील। यह जलस्तर पिछले दो वर्षों की तुलना में कहीं अधिक है। 2024 में इसी दिन जल भंडारण 5.33 लाख मिलियन लीटर था, जबकि 2023 में यह केवल 4.70 लाख मिलियन लीटर था।
बारिश का यह सकारात्मक असर न केवल मुंबई शहर के लिए राहत की खबर है, बल्कि यह जल प्रबंधन और आपूर्ति को लेकर प्रशासन के लिए एक बड़ी उपलब्धि भी मानी जा रही है।
अगर इसी तरह मानसून सक्रिय रहा, तो अगले पूरे साल के लिए शहर में पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित हो सकती है। नगर निगम अब भी जल भंडारण पर नजर बनाए हुए है।