मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार (1 दिसंबर 2025) को शुरू हुआ, लेकिन सत्र के पहले ही दिन माहौल काफी गर्म रहा। खांसी सिरप से हुई त्रासदी, जिसमें पिछले कुछ महीनों में कई बच्चों की मौत हो चुकी है, और सत्र की अवधि मात्र चार दिन रखने को लेकर विपक्ष ने तीखा विरोध जताया। कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इतने महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए चार दिन का सत्र बिल्कुल अपर्याप्त है।
सत्र की शुरुआत शोक प्रस्ताव के साथ हुई, जिसमें सदस्यों ने फिल्म अभिनेता और पूर्व लोकसभा सांसद धर्मेंद्र, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल, और दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। सदन ने इन सभी घटनाओं को अत्यंत दुखद बताते हुए उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
हालाँकि, शोक प्रस्ताव के बाद ही विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए। कांग्रेस ने खांसी सिरप त्रासदी को सरकार की विफलता करार दिया और कहा कि राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा चुकी है। विपक्ष का दावा था कि बच्चों की मौतों पर सरकार ने पर्याप्त कार्रवाई नहीं की और ज़िम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
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वहीं, भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने विपक्ष के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि सरकार ने त्रासदी की जांच के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल सत्र को बाधित करना चाहता है।
सत्र की कम अवधि पर भी विपक्ष ने सवाल उठाया, यह कहते हुए कि इतने गंभीर मुद्दों पर विस्तृत चर्चा के लिए अधिक समय की आवश्यकता है। सत्ता पक्ष ने कहा कि सत्र की समयसीमा पूर्व निर्धारित थी और आवश्यकता अनुसार आगे भी चर्चा संभव है।
पहले दिन की तीखी बहस ने संकेत दे दिया कि यह चार दिवसीय सत्र काफी उथल-पुथल भरा रहने वाला है।
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