महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में ₹2 करोड़ के वित्तीय विवाद को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के एक नेता के कथित अपहरण और मारपीट का मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार, पीड़ित जीवन घोगरे नांदेड़ नगर निगम में विपक्ष के पूर्व नेता रह चुके हैं।
जीवन घोगरे ने आरोप लगाया है कि लोहा विधानसभा सीट से विधायक प्रतापराव चिकलीकर ने इस हमले की साजिश रची। प्रतापराव चिकलीकर उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से जुड़े हैं। हालांकि, विधायक ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक साजिश बताया है।
पुलिस के मुताबिक, यह घटना सोमवार दोपहर ज्ञानेश्वर नगर इलाके में हुई, जब जीवन घोगरे अपनी इनोवा कार से यात्रा कर रहे थे। तभी एक स्कॉर्पियो सवार लोगों ने उनकी गाड़ी को रोका, उस पर पत्थर फेंके और जबरन उन्हें अपनी एसयूवी में खींचकर ले गए।
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घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने तलाश शुरू की। इस बीच, जीवन घोगरे ने खुद पुलिस से संपर्क कर कहा कि उनका अपहरण नहीं हुआ है और वह व्यापार के सिलसिले में स्वेच्छा से गए थे। हालांकि, पुलिस को मामले में गड़बड़ी का शक हुआ और तलाश जारी रखी गई।
बाद में जीवन घोगरे घायल अवस्था में छोड़े हुए पाए गए। उन्होंने पुलिस को बताया कि अपहरणकर्ताओं ने बंदूक की नोक पर उनसे यह झूठा बयान दिलवाया कि वह सुरक्षित हैं।
पुलिस ने इस मामले में शुभम सुनेवाड, राहुल दसरवाड, कौस्तुभ रणवीर, विवेक सूर्यवंशी, माधव वाघमारे, मोहम्मद अफरोज और देवानंद भोले को गिरफ्तार किया है।
जीवन घोगरे ने यह भी आरोप लगाया कि इस हमले के पीछे मौजूदा विधायक चिकलीकर और एक पूर्व विधायक का हाथ है। उन्होंने दावा किया कि लंबे समय से चले आ रहे वित्तीय लेनदेन और राजनीतिक रंजिश के चलते उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं।
वहीं, विधायक प्रतापराव चिकलीकर ने सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि उनका इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि वह पिछले कुछ दिनों से चुनावी काम और मतगणना में व्यस्त थे और फिलहाल मालेगांव मेले में मौजूद हैं। उन्हें इस मामले की जानकारी The Indian Witness के जरिए मिली और उन्हें भरोसा है कि पुलिस जांच में सच्चाई सामने आएगी।
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