मणिपुर में हाल की अशांति के बीच एनएच-2 राष्ट्रीय राजमार्ग को फिर से खोले जाने को लेकर कुकी-जो संगठनों ने एक संयुक्त बयान जारी किया है। कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (KNO) और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (UPF) ने स्पष्ट किया है कि एनएच-2 के खुलने का अर्थ यह नहीं है कि इस पर असीमित और बिना रोक-टोक आवाजाही संभव हो गई है।
दोनों संगठनों ने अपने बयान में कहा कि हाईवे की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत सरकार और उसकी सुरक्षा एजेंसियों की है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब तक हालात पूरी तरह सामान्य नहीं होते, तब तक एनएच-2 पर यात्रा को सुरक्षित मानना जल्दबाजी होगी।
कुकी-जो समूहों ने कहा कि उनके समुदाय की सुरक्षा और हित सर्वोपरि हैं। राजमार्ग पर यात्रा करने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और यह मानकर नहीं चलना चाहिए कि सड़क पूरी तरह सुरक्षित है।
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बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि एनएच-2 मणिपुर और अन्य राज्यों के बीच आपूर्ति श्रृंखला का महत्वपूर्ण मार्ग है, लेकिन बार-बार की हिंसा और तनाव के कारण इस पर लगातार खतरा बना हुआ है। ऐसे में, यह जरूरी है कि केंद्र सरकार और राज्य प्रशासन मिलकर इस सड़क को सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाएं।
संगठनों ने केंद्र से अपील की है कि वह सुरक्षा बलों की मौजूदगी बढ़ाए और स्थानीय नागरिकों का विश्वास बहाल करे, ताकि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और आम लोगों की आवाजाही प्रभावित न हो।
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