तमिलनाडु सरकार ने इस वर्ष से 11वीं कक्षा के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा समाप्त करने का बड़ा फैसला लिया है। यह निर्णय राज्य की नई शिक्षा नीति - स्कूल शिक्षा के तहत लिया गया है, जिसे मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने चेन्नई में जारी किया।
नई शिक्षा नीति के अनुसार, अब 11वीं कक्षा के छात्रों को बोर्ड परीक्षा के लिए उपस्थित नहीं होना होगा। इस नीति का उद्देश्य छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम करना और उनकी शिक्षा को और अधिक व्यावहारिक तथा रुचिपूर्ण बनाना है। 11वीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा हटाने का मतलब यह है कि छात्र अपने शैक्षणिक कार्यों और कौशल विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा है कि यह कदम तमिलनाडु में शिक्षा प्रणाली को सुधारने और छात्रों के सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया है। इसके साथ ही, सरकार का मानना है कि 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को अधिक महत्व दिया जाना चाहिए क्योंकि वही उनके करियर की दिशा निर्धारित करती है।
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यह बदलाव राज्य के शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने, विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ाने और उनकी मानसिक सेहत का ध्यान रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। शिक्षा नीति में इस तरह के सुधार से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का बेहतर अवसर मिलेगा।
तमिलनाडु सरकार की यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल साबित हो सकती है, जहां शिक्षा व्यवस्था में बदलाव और छात्रों की भलाई को प्राथमिकता दी जा रही है।
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